April 2023

कबीर सीप समुद्र की, रटे पियास पियास (अर्थ)

कबीर सीप समुद्र की, रटे पियास पियास । और बूँदी को ना गहे, स्वाति बूँद की आस ।। अर्थ: कबीर दास जी कहते हैं कि प्रत्येक प्राणी को ऐसी वस्तु…

कबीर सोता क्या करे, जागो जपो मुरार (अर्थ)

कबीर सोता क्या करे, जागो जपो मुरार । एक दिना है सोवना, लांबे पाँव पसार ।। अर्थ: कबीर अपने को संबोधित करते हुए कहते हैं कि हे कबीर! तू सोने…