rajwo

उज्ज्वल पहरे कापड़ा, पान-सुपारी खाय (अर्थ)

उज्ज्वल पहरे कापड़ा, पान-सुपारी खाय । एक हरि के नाम बिन, बाँधा यमपुर जाय ।। अर्थ: उजले कपड़े पहनता है और पाण-सुपारी खाकर अपने तन को मैला नहीं होने देता।…

आए हैं सो जाएँगे, राजा रंक फकीर (अर्थ)

आए हैं सो जाएँगे, राजा रंक फकीर । एक सिंहासन चढ़ि चले, एक बाँधि जंजीर ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि जो प्राणी इस संसार में जन्म ग्रहण करेगा…

आहार करे मनभावता, इंद्री की स्वाद (अर्थ)

आहार करे मनभावता, इंद्री की स्वाद । नाक तलक पूरन भरे, तो कहिए कौन प्रसाद ।। अर्थ: जो मनुष्य इंद्रियों के स्वाद के लिए पूर्ण नाक तक भरकर खाय तो…