ज्यों नैनन में पूतली, त्यों मालिक घर मांहि (अर्थ)

ज्यों नैनन में पूतली, त्यों मालिक घर मांहि । मूर्ख लोग न जानिए, बाहर ढूँढ़त जांहि । अर्थ: जिस प्रकार नेत्रों के अंदर पुतली रहती है और वह सारे संसार…