kabir ke dohe संत कबीर दास के सम्पूर्ण दोहे (2023) | kabir ke dohe rajwo April 6, 2023 0Comment अटकी भाल शरीर में, तीर रहा है टूट । चुंबक बिना निकले नहीं, कोटि पठन को फूट